Rajneesh Osho
Read Rajneesh Osho Quote in Hindi, Osho Motivational Quotes, Osho quotes on love & life, so read Osho Rajneesh and know real meaning of love.
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गुरु कौन
शास्त्रों मे कहा है – गुरु के प्रति श्रद्धा होनी चाहिए, मैं तुमसे कहता हूँ जिसके प्रति श्रद्धा हो, वह गुरु। गुरु के प्रति श्रद्धा होनी चाहिए, यह कोई चाहने की बात है? यह कोई चाहत से हो सकती है? जिसके प्रति श्रद्धा पैदा हो जाए, वह गुरु। जिसके…
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संसार की चाबियां
ओशो के कुछ महत्वपूर्ण विचार – Osho Quotes on Life in Hindi ओशो एक ऐसे दार्शनिक और आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने जीवन के लगभग हर पहलू पर अपने विचार रखें हैं, लेकिन उन्होने अपने हर विचार में ध्यान पर मुख्य रूप से ज़ोर दिया है, ओशो ने अपने प्रवचनों में…
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हर घर अपना घर, पर बंजारा मन। गली-गली भटके, यह आवारा मन।।
हर घर अपना घर, पर बंजारा मन। गली-गली भटके, यह आवारा मन।। एक से हजार हुआ, यह सारा मन। गिर कर न सिमटे फिर, यह पारा मन। खुद को ही जीत-जीत, है हारा मन। कितना बेबाक, कितना बेचारा मन। हर घर अपना घर, पर बंजारा मन। गली-गली भटके, यह आवारा…
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आस्तिक और नास्तिक में श्रेष्ठ कौन है?
प्रश्न:- आस्तिक और नास्तिक में श्रेष्ठ कौन है..? उत्तर:- मैं नास्तिकों की ही तलाश में हूँ, वे ही असली पात्र हैं। आस्तिक तो बड़े पाखंडी हो गए हैं। आस्तिक तो बड़े झूठे हो गए हैं। अब आस्तिको में सच्चा आदमी कहाँ मिलता है? अब वे दिन गए, जब आस्तिक सच्चे…
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💖जिंदगी में कुछ जीवंत सत्य है जो स्वयं ही जाने जाते है💖
एक मुसलमान फकीर हुआ, नसरुद्दीन वह एक नदी पार कर रहा था एक नाव में बैठ कर। रास्ते में मल्लाह और नसरुद्दीन कि बातचीत भी होती रही नसरुद्दीन बड़ा ज्ञानी आदमी समझा जाता था। ज्ञानियों को हमेशा कोशिश रहती है किसी को अज्ञानी सिद्ध करने का मौका मिल जाए…
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🌹जीवन में व्रत का क्या मूल्य है? 🌹
व्रत का मूल्य तो जरा भी नहीं, बोध का मूल्य है। व्रत का तो अर्थ ही होता है, बोध की कमी है। उसकी परिपूर्ति तुमने व्रत से कर ली। तुमने देखा, झूठे आदमी ज्यादा कसमें खाते हैं। हर बात में कसम खाने को तैयार रहते हैं। झूठा आदमी कसम के…
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जीवंत होने का अर्थ है चुनौती ताजी रहे, रोज नए की खोज जारी रहे
जीवंत होने का अर्थ है: चुनौती ताजी रहे, रोज नए की खोज जारी रहे। क्योंकि नए की खोज में ही तुम अपने भीतर जो छिपे हैं स्वर, उन्हें मुक्त कर पाओगे। नए की खोज में ही तुम नए हो पाओगे। जैसे ही नए की खोज बंद होती है कि तुम…
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दुख उधार का है आनंद स्वयं का है
दुख उधार का है, आनंद स्वयं का है। आनंदित कोई होना तो अकेले भी हो सकता है; दुखी होना चाहे तो दूसरे की जरुरत है। कोई धोखा दे गया; किसी ने गाली दे दी; कोई तुम्हारे मन की अनुकूल न चला- सब दुख दूसरे से जुड़े है। और आनंद…
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परमात्मा में जाना अपने भीतर जाना एक ही बात है
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असली ज्ञानी अपने को बनाता है
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पत्नी की देह परमात्मा की पहली परत
तुम जब अपनी पत्नी में डूबते हो या अपने पति में डूबते हो, तब भी तुम परमात्मा का ही रस लेना चाह रहे हो। सिर्फ तुमने ज़रा लंबा रास्ता चुना है देह, फिर देह के भीतर मन है, और मन के भीतर आत्मा है–और आत्मा के भीतर परमात्मा छिपा…
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मन को निस्तरंग करो
काश! हम शांत हो सकें और भीतर गूंजते शब्दों और ध्वनियों को शून्य कर सकें, तो जीवन में जो सर्वाधिक आधारभूत है, उसके दर्शन हो सकते हैं। सत्य के दर्शन के लिए शांति के चक्षु चाहिए। उन चक्षुओं को पाये बिना जो सत्य को खोजता है, वह व्यर्थ ही…
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बाहर की शराब से ओंकार की शराब तक
मैं शराबियों को भी संन्यास देता हूं। और उनसे कहता हूं, बेफिक्री से लो! पंडितों से तो तुम बेहतर हो। कम से कम विनम्र तो हो। कम से कम यह तो पूछते हो सिर झुकाकर कि क्या मैं भी पात्र हूं ??? क्या मेरी भी योग्यता है ??? क्या आप…
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शून्य में लीन होते ही अनहद सुनाई देगा
जैसे धरती सागर में डूब जाए और प्रलय हो जाए, ऐसे ही तुम जब अपने ही शून्य में लीन हो जाते हो तब अनहद सुनाई पड़ता है; तब उसकी मुरली की तान सुनाई पड़ती है। मंदिरों में तुमने कृष्ण की मूर्ति बना रखी है मुरली लिए हुए! लाख जतन करो!…
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चेतना का न जन्म होता है न मृत्यु वह सदा वर्तमान है
ओशो का भौतिक शरीर तो 11 दिसंबर 1931 को पैदा हुआ और 19 जनवरी 1990 को इस दुनिया से विदा हुआ। लेकिन केवल शरीर के विदा होने से विदा होने वाली वह चेतना नहीं है। इस ग्रह से जाने से पहले उन्होंने अपनी समाधि पर जो लिखवाया वह बहुत अर्थ…
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